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Perspective

जूलियन असांज आज़ाद, मगर लोकतांत्रिक अधिकारों को बचाने की लड़ाई जारी है

यह हिंदी अनुवाद अंग्रेजी के मूल लेख का है, Julian Assange is free, but the struggle to defend democratic rights continues जो मूलतः 26 जून 2024 को प्रकाशित हुआ थाI

सोमवार को जूलियन असांज ब्रिटेन की बेलमार्श जेल से आज़ाद रिहा हो गए। अमेरिका की अगुवाई वाली साम्राज्यवादी सरकारों के कुकर्मों को उजागर करने के लिए, उनके द्वारा रची गई साज़िश के कारण असांज को पांच साल जेल में गुज़ारना पड़ा और 15 साल तक उत्पीड़न झेलना पड़ा। आज नॉर्दर्न मैरियाना आईलैंड में एक अमेरिकी कोर्ट ने एक अपीलीय समझौते पर हस्तक्षर कर दिया, इसके साथ ही असांज को प्रत्यर्पित करने की अमेरिकी कोशिशों का पटाक्षेप हो गया और असांज ऑस्ट्रेलिया लौट रहे हैं। 

बुधवार, 26 जून 2024 को, मैरियाना आईलैंड्स के साइपैन संघीय अदालत से निकलते हुए जूलियन असांज। (एपी फ़ोटो/यूजीन होशिको) [AP Photo/Eugene Hoshiko]

असांज आने वाली नस्लों के लिए बोलने की आज़ादी और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने वाले योद्धा के रूप में याद किए जाएंगे। उनका उत्पीड़न आधुनिक इतिहास में सबसे घटिया दबिश (विच-हंट) के रूप में देखा जाएगा। 

वर्ल्ड सोशलिस्ट वेब साइट (डब्ल्यूएसडब्ल्यूएस) असांज को उनकी रिहाई पर गर्मजोशी भरी शुभकामनाएं और बधाई भेजता है। हम उन लोगों को भी बधाई देते हैं जिन्होंने असांज के उत्पीड़न के ख़िलाफ़ शानदार भूमिका निभाई। इनमें सबसे आगे हैं उनकी पत्नी स्टेला असांज, उनके पिता जॉन शिप्टन और उनके भाई गैब्रिएल शिप्टन।

सार्वजनिक रूप से असांज का बचाव करने वालों में संगीतकार रोजर वाटर्स और मानवाधिकार कार्यकर्ता क्रेग मुरे हैं। हम दुख के साथ बताना चाहते हैं कि असांज की रिहाई में बिना थके संघर्ष करने वाले साहसी पत्रकार जॉन पिल्गर यह दिन देखने के लिए ज़िंदा नहीं हैं और ना ही प्रसिद्ध व्हिसिलब्लोअर डेनियल एल्सबर्ग।

असांज को रिहा करने का बाइडन प्रसासन का फैसला एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर है और अमेरिकी सरकार की ओर से इस बात की स्विकृति है कि उनके ख़िलाफ़ चलाया जा रहा मुकदमा शुरू से ही फ़़ॉड था। व्हाइट हाउस ने बहुत सधी हुई चाल के तहत ये फैसला लिया कि अमेरिका में एक साहसिक पत्रकार पर फर्जी राजनीतिक मुकदमा चलाना इस फ़र्जीवाड़े को बेनकाब कर देगा कि 'लोकतंत्र' के नाम पर अमेरिकी साम्राज्यवाद पूरी दुनिया में किस कदर जंग छेड़े हुए है। 

असांज पर मुकदमा चलाना झूठ और लांछन का एक गंदा अभियान है। लगातार चार राष्ट्रपतियों- बुश, ओबामा, ट्रंप और बाइडन के कार्यकाल में इस साहसिक पत्रकार को चुप कराने की कोशिशें की गईं। 

आतंक के ख़िलाफ़ जंग के तहत इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान में अवैध अमेरिकी हमले के बाद जूलियन असांज ने 2006 में विकीलीक्स की स्थापना की थी। विकीलीक्स इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके वह करने की एक साहसी और असरदार पहल थी जो गंभीर पत्रकारों को करना चाहिए: उन अवैध कृत्यों को उजागर करना जिन्हें सरकार छिपा कर रखना चाहती है।

साल 2010 में जूलियन असांज और विकीलीक्स ने अमेरिकी मिलिटरी द्वारा किए गए बेतहाशा युद्ध अपराधों को उजागर करने वाले हज़ारों गोपनीय दस्तावेज प्रकाशित कर दिए थे। 1970 के दशक में 'पेंटागॉन पेपर्स' के बाद 'इराक़ वॉर लॉग्स' और 'अफ़गान वॉर डायरी' साम्राज्यवादी अपराध की सबसे बड़ा पोल खोल थे। 

'इराक़ वॉर लॉग्स' में उन 66,081 नागरिकों की हत्याओं की जानकारी दी गई थी जिन्हें अमेरिकी सैनिकों ने इराक़ पर आक्रमण और कब्ज़े के दौरान अंजाम दिए थे। विकीलीक्स ने एक मर्डर वीडियो भी प्रकाशित किया था जिसमें दिख रहा था कि इराक़ में अमेरिकी सैनिकों ने दो रायटर्स पत्रकारों समेत दर्जन भर निहत्थे नागरिकों का कत्लेआम कर दिया। 

नवंबर 2010 में विकीलीक्स ने अमेरिकी राजनयिकों के लाखों पत्राचार, वीडियो-ऑडियो संदेशों को प्रकाशित करना शुरू कर दिया। इसने साम्राज्यवादी राजनीति के रोज़ाना किए जाने वाले कुकर्मों पड़े पर्दे को तार तार कर दिया, जिसमें तख़्तापलट की साज़िशें रचना, विदेशी राजनेताओं को अमेरिका का गुप्त गुर्गा बनाना और पूरे विश्व में लोकतंत्र पर हमले के नए नए तरीक़े अख़्तियार करना शामिल है।

इसके जवाब में अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसियों ने जूलियन असांज को हमेशा के लिए चुपा कराने के लिए एक अभियान छेड़ दिया। यह अभियान स्वतंत्र मीडिया संस्थानों के सफ़ाए और मीडिया को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा संस्थाओं का पॉकेट संगठन बनाने का ताना बाना बुनने की व्यवस्थित कोशिश का हिस्सा था। 

असांज को सरकार द्वारा साज़िशन रचे गए आरोपों में निशाना बनाया गया। जिस वजह से ये सब शुरू किया गया, उसका ख़ास महत्व है। असांज के उत्पीड़न के लिए जनता के एक हिस्से को तैयार करने के लिए, उन्होंने उनकी छवि को पूरी तरह लांछित करने की साज़िश रची। राज्य ने समृद्ध उच्च-मध्यम वर्ग के छद्म-वामपंथी लैंगिक राजनीति का सुविचारित इस्तेमाल किया, जिसने जोर देकर कहा कि यौन उत्पीड़न के आरोपों पर भरोसा करना चाहिए भले ही ये स्पष्ट रूप से राज्य के इशारे पर लगाए गए हों। 

ब्रिटेन में गार्डियन अख़बार ने इन आरोपों को वैध ठहराने की हर चंद कोशिश की। यह अख़बार पहचान की राजनीति से प्रभावित मध्यवर्गीय तबके में ख़ासा लोकप्रिय है। 

दिसम्बर 2010 में स्वीडन में अभियोजकों ने असांज के ख़िलाफ़ एक रचे गए यौन उत्पीड़न के आरोप के आधार पर मुकदमा चलाने की शुरूआत की, जोकि बाद में ये सभी आरोप वापस ले लिये गए। स्वीडिश प्रशासन की कोशिश थी कि असांज को उनके यहां प्रत्यर्पित कराया जाए जहां से उन्हें अमेरिका भेज दिया जाए। इन वजहों से 2012 में असांज को लंदन में इक्वाडोर दूतावास में शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा।  

इंटरनेशनल सोशलिस्ट आर्गेनाइजेशन ने 2012 में मांग की थी कि 'जनता को असांज के ख़िलाफ़ लगे बलात्कार के आरोपों को गंभीरता से लेना चाहिए।' सोशलिस्ट अल्टरनेटिव ने कहा था कि 'असांज के ख़िलाफ़ बलात्कार के गंभीर आरोप' की जांच अवश्य होनी चाहिए। 

जिस समय असांज का पीछा किया जा रहा था उसी समय एडवर्ड स्नोडेन और चेल्सी मैनिंग को गिरफ़्तार करने और उनपर मुकदमा चलाए जाने का, बदले की मंशा से अभियान चलाया जा रहा था। स्नोडेन रूस भागकर चले गए और असांज की तरह साज़िश का शिकार होने से बच गए। चेल्सी मैनिंग को ओबामा प्रशासन ने सात साल तक कैद करके रखा। 

साल 2016 में विकीलीक्स ने 'पोडेस्टा इमेल्स' प्रकाशित किया, जिसमें 2016 में बर्नी सैंडर्स को हराने और हिलेरी क्लिंटन को लाभ देने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा प्राइमरी चुनावों में धांधली करने की व्यवस्थित कोशिशों का दस्तावेजीकरण किया गया था। इस खुलासे के जवाब में डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के अध्यक्ष वासरमैन शुल्ट्ज़ ने शर्मिंदगी के चलते इस्तीफ़ा दे दिया था। 

लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी ने जवाबी हमला बोला और 2016 के चुनाव को प्रभावित करने के लिए विकीलीक्स पर रूसी सरकार के साथ 'सांठ गांठ' करने का झूठा आरोप लगाया। 2016 में जब हिलेरी क्लिंटन डोनाल्ड ट्रंप से हार गईं, डेमोक्रेटिक सत्ताधारी और अमेरिकी मीडिया असांज से और खार खा गई। 

अमेरिकी मीडिया और छद्म वामपंमथियों द्वारा असांज के ख़िलाफ़ जनमानस में ज़हर भरने के सालों के व्यवस्थित अभियान ने ट्रंप प्रशासन के सामने 2018 में असांज के ख़िलाफ़ जासूसी के आरोप तय करने की स्थितियां पैदा कर दीं। अप्रैल 2019 में ब्रिटिश पुलिस इक्वाडोर के दूतावास में ज़बरदस्ती घुस गई और असांज को घसीट कर बाहर निकाला और बेलमार्श जेल में डाल दिया जहां वो पांच साल तक बंदी रहे। 

न्यूयॉर्क टाइम्स, वॉशिंगटन पोस्ट और वॉल स्ट्रीट जर्नल ने असांज की गिरफ़्तारी और उन्हें अमेरिका में प्रत्यर्पित किए जाने की बढ़चढ़ कर वकालत की। जेफ़ बेज़ोस के वॉशिंगटन पोस्ट इसमें सबसे आगे आगे था। उसने एलान किया कि असांज पर 'निजी जवाबहेदी का मामला लंबे समय से लंबित' है। 

उनकी गिरफ़्तारी की तारीफ़ करते हुए न्यूयॉर्क टाइम्स ने उद्घोषणा की: 'प्रशासन ने एक निर्विवाद अपराध के लिए असांज पर आरोप तय करके अच्छी शुरुआत की।' गार्डियन ने बदले की भावना से लांछन में और नमक मिर्च लगाया और झूठे और वाहियात दावे किए कि असांज ने ट्रंप के प्रचार सहयोगी पॉल मैनाफ़ोर्ट के साथ मीटिंग की थी। 

असांज को बदनाम करने के लिए हर बड़ा बुर्जुआ अख़बार इस नाले में कूद पड़ा और सरकार के निर्देश पर झूठ का अंबार खड़ा कर दिया। कोई भी निंदा इतनी हास्यापद नहीं थी।  

असांज के समर्थक और बचाव का दिखावा करने वाले जेरेमी कोर्बिन 2015 से 2020 के बीच लेबर पार्टी के नेता रहते हुए बेलमार्श जेल में असांज के उत्पीड़न के बारे में पूरी तरह चुप्पी साधे रहे।

असांज को परेशान करने के अभियान में शामिल हो जाने वाले या चुप लगा जाने वाले छद्म वामपंथी संगठनों से उलट ट्राट्स्कीवादी आंदोलन- वर्ल्ड सोशलिस्ट वेब साइट (डब्ल्यूएसडब्ल्यूएस) और चौथे इंटरनेशनल की अंतरराष्ट्रीय कमेटी (आईसीएफ़आई) ने अंतरारष्ट्रीय स्तर पर मज़दूर वर्ग के बीच समर्थन बढ़ाने के लिए एक अभियान हाथ में लिया। एक ऐसे आंदोलन के रूप में जिसने अत्यधिक उत्पीड़न झेला हो, हम तुरंत असांज के साथ एकजुटता से खड़े हो गए। हमें उनकी रक्षा में अपने योगदान पर बेहद गर्व है।

सैकड़ों लेखों में डब्ल्यूएसडब्ल्यूएस ने असांज के ख़िलाफ़ दक्षिणपंथी दबिश को बेनकाब किया। असांज के उत्पीड़न पर हमारे लेखों को लाखों बार पढ़ा गया। डब्ल्यूएसडब्ल्यूएस और आईसीएफ़आई ने पूरी दुनिया में रैलियां आयोजित कीं, जिनमें सैकड़ों लोगों और स्पीकर के रूप में पिल्गर जैसे अग्रणी पत्रकारों ने हिस्सा लिया। साल 2018 में हमने 'आर्गेनाइज़िंग रेज़िस्टेंस टू इंटरनेट सेंसरशिप' शीर्षक से एक वेबिनार का आयोजन किया और इक्वाडोर दूतावास में उनका इंटरनेट काटे जाने से कुछ देर पहले ही उन्होंने इस वेबिनार के लिए अपनी शुभकामनाएं भेजी थीं। (इनमें से चुनिंदा लेखों को यहां पढ़ा जा सकता है।)

हालांकि असांज आज़ाद हैं, लेकिन लोकतांत्रिक अधिकारों के ख़िलाफ़ वैश्विक पूंजीवादी आक्रमण तेज़ हो रहा है। साम्राज्यवाद जब भी रणनीतिक रूप से पीछे हटता है, उसके बाद और अधिक बर्बर हमला करता है। इसमें कोई भ्रम नहीं होना चाहिए कि असांज को रिहा करने का बाइडन प्रशासन का फैसला किसी लोकतांत्रिक सिद्धांतों की वजह से लिया गया या कि लोकतांत्रिक अधिकारों पर ख़तरा टल गया है। सच्चाई यह है कि, जबतक ये परिस्थितियां मौजूद रहती हैं, असांज पर कभी भी ख़तरा नहीं टलेगा।

असल में, एक पत्रकार को प्रभावी तरीक़े से टार्चर करके जनता के हित में सच्ची जानकारियों को फैलाने के लिए जासूसी क़ानून के उल्लंघन की बात मनवाकर बाइडन प्रशासन ने प्रेस की आज़ादी को लेकर एक ख़तरनाक़ नई मिसाल क़ायम की है।

असांज के उत्पीड़न, वैश्विक युद्ध और सामाजिक ग़ैरबराबरी के ख़तरनाक़ स्तर के पीछे मौजूद बुनियादी स्थितियां केवल जारी ही नहीं रहने वाली हैं बल्कि वे और तीखी होती जाएंगी। अमेरिका और नेटो शक्तियों ने ग़ज़ा में जनसंहार को संरक्षण दिया जिसमें 47,000 से अधिक फ़लस्तीनी मारे गए। यूक्रेन में रूस के ख़िलाफ़ अमेरिका-नेटो युद्ध को और बड़े पैमाने पर ले जाने की योजनाएं बन रही हैं, जिसमें नेटो सैनिकों की सीधी तैनाती का प्रस्ताव शामिल है। 

समाजवाद के लिए संघर्ष करने वाले साहसिक योद्धा और युद्ध विरोधी कार्यकर्ता बोगडान सायरोटुक को यूक्रेन में ज़ेलेंस्की सरकार का विरोध किए जाने के लिए जेल में डाल दिया गया है। बाइडन प्रशासन ने ग़ज़ा में हो रहे जनसंहार के विरोध को अपराध घोषित करने का एक अभियान चला रखा है, जिसके तहत शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले हज़ारों लोगों को गिरफ़्तार किया जा रहा है। 

असांज की रिहाई के अपने अभियान के दौरान, डब्ल्यूएसडब्ल्यूएस ने विस्तार से समझाया था कि लोकतांत्रिक अधिकारों के संघर्ष की जड़ मज़दूर वर्ग के बीच होनी चाहिए और इसका जुड़ाव समाजवाद के लिए संघर्ष और साम्राज्यवादी युद्ध के ख़िलाफ़ अभियान से जुड़ा होना चाहिए। बढ़ते वैश्विक सम्राज्यवादी युद्ध के बीच इस बुनियादी सबक की अहमियत और बढ़ रही है। लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा का संघर्ष, पूंजीवादी सिस्टम के ख़िलाफ़ संघर्ष के साथ अटूट रूप से जुड़ा हुआ है। 

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