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बोगडान सायरोटुक की रिहाई के लिए भारत के मज़दूरों और युवाओं का आह्वान

यह हिंदी अनुवाद अंग्रेजी के मूल लेख का है, Indian workers and students call for the release of Bogdan Syrotiuk जो मूलतः 17 जून 2024 को प्रकाशित हुआ थाI

रूस पर नेटो के युद्ध का विरोध करने के लिए धुर दक्षिणपंथी ज़ेलेंस्की सरकार द्वारा जेल में डाले गए यूक्रेनी समाजवादी बोगडान सायरोटुक की रिहाई के लिए चलाए जा रहे वर्ल्ड सोशलिस्ट वेब साइट का अभियान भारतीय मज़दूरों, छात्रों, युवाओं और लोकतांत्रित अधिकारों की वकालत करने वाले अन्य लोगों के बीच जोर पकड़ रहा है।

द्वितीय विश्वयुद्ध में नाज़ी जर्मनी पर सोवियत की जीत के सम्मान में 9 मई को आयोजित रैली में बोगडान सायरोटुक।

25 अप्रैल को दक्षिणी यूक्रेन से गिरफ़्तार करने के बाद ख़राब स्वास्थ्य के बावजूद सायरोटुक को निकोलाएव में कैद किया गया है।

बोल्शेविक-लेनिनवादी के यंग गॉर्ड के संस्थापक और नेता बोगडान पूंजीवादी पुतिन सरकार और यूक्रेन में उसके हमले के धुर विरोधी रहे हैं। उन्होंने अमेरिका-नेटो के छद्म युद्ध के ख़िलाफ़ यूक्रेन, रूस और पूर्व सोवियत यूनियन के मज़दूर वर्ग को एकजुट करने के लिए संघर्ष किया है।

सायरोटुक की गिरफ़्तारी और उसके तुरंत बाद वर्ल्ड सोशलिस्ट वेब साइट को यूक्रेन में प्रतिबंधित करना ज़ेलेंस्की सरकार द्वारा वामपंथी आंदोलनों को कुचलने का व्यापक अभियान का हिस्सा है। ये हमले तब हो रहे हैं जब यूक्रेनी मज़दूर वर्ग में जंग को लेकर विरोध जोर पकड़ रहा है।

चौथे इंटरनेशनल की अंतरराष्ट्रीय कमेटी (आईसीएफ़आई) ने पिछले हफ़्ते बोगडान को कैद किए जाने के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्तांबुल, पेरिस, लंदन, बर्लिन, वॉशिंगटन डीसी, टोरंटो, कैनबरा और सिडनी में यूक्रेनी दूतावासों और कॉन्सुलेट केंद्रों पर प्रदर्शन किया था।

इन प्रदर्शनों के दौरान बोगडान के उत्पीड़न और उनकी रिहाई को लेकर एक खुली चिट्ठी इन यूक्रेनी विदेशी मिशनों को दी गई या देने की कोशिश की गई। 'यूक्रेनी समाजवादी और युद्ध विरोधी कार्यकर्ता बोगडान सायरोटुक की रिहाई की मांग' वाली याचिका पर 2,800 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किये।

सिलाम्बरासन, आईटी कर्मचारी, आरएस कम्युनिकेशन, चेन्नई

मैं बोडगान सायरोटुक के प्रति अपनी एकजुटता प्रदर्शित करता हूं जो एक सच्चे समाजवादी हैं और जिन्हें अमेरिका और नेटो साम्राज्यवादियों के नियंत्रण वाली फ़ासीवादी यूक्रेनी सरकार ने क़ैद कर लिया है और सिर्फ इसलिए कि उन्होंने फैलते जा रहे युद्ध के बारे में वस्तुगत हालात का खुलासा किया, जिसे यूक्रेन का सत्ताधारी वर्ग और इसके साम्राज्यवादी समर्थक नहीं चाहते कि दुनिया के हालात के बारे में मज़दूर वर्ग को पता चले। यूक्रेन युद्ध एक ऐसा युद्ध है जिसे अमेरिका और नेटो साम्राज्यवादियों और रूसी राष्ट्रवादियों की प्रतिक्रिया ने भड़काया है। अमेरिका की अगुवाई वाला युद्ध दुनिया के वैश्विक पूंजीवादी बंटवारे का हिस्सा है, जो परमाणु विनाश और तृतीय विश्व युद्ध की आशंकाओें से मानवता को खतरे में डालता है।

वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि एक बार ज्ञान होने और राजनीतिक समझदारी आने के बाद मज़दूर वर्ग एक अजेय वैश्विक ताक़त के रूप में उभर जाएगा और वो सभी राष्ट्रीय दादागीरी और पूंजीपतियों के हित के लिए छेड़े गए युद्धों को समाप्त कर देगा। राष्ट्र राज्य और भ्रष्ट पूंजीवादी सिस्टम हमें नष्ट करना चाहता है। मैं सभी समाजवादियों से आग्रह करता हूं कि यूक्रेन युद्ध, ग़ज़ा में अमेरिका-नेटो प्रायोजित जनसंहार और इंसानी ज़िंदगी के एकमात्र आधार, पृथ्वी पर जारी राष्ट्रवाद और साम्राज्यवाद के सभी युद्धों को ख़त्म करने के लिए और बोगडान सायरोटुक की तत्काल रिहाई की मांग के लिए मज़दूर वर्ग का एक वैश्विक आंदोलन संगठित करें।

आम्सा, प्रेसीडेंसी कॉलेज में अर्थशास्त्र स्नातक, चेन्नई

वर्ल्ड सोशलिस्ट वेब साइट के एक पाठक के रूप में, मैं यूक्रेनी समाजवादी क्रांतिकारी बोगडान सायरोटुक को रिहा कराने के इसके अभियान के साथ एकजुटता से खड़ा हूं। डब्ल्यूएसडब्ल्यूएस तीसरे विश्व युद्ध के ख़िलाफ़ एकमात्र दृढ़ आवाज़ है। मैं रूस-यूक्रेन युद्ध में हथियार मुहैया कराने वाले देशों की कड़ी निंदा करता हूं।

आम्सा

डब्ल्यूएसडब्ल्यूएस अमेरिका और नेटो देशों द्वारा शुरू किए गए और उनके द्वारा समर्थित युद्धों और फ़लस्तीनियों के ख़िलाफ़ ग़ज़ा में युद्ध का विरोध करना जारी रखे हुए है। डब्ल्यूएसडब्ल्यूएस तीसरे विश्व युद्ध के भड़कने को रोकने के लिए एक आंदोलन खड़ा करने का प्रयास कर रहा है।

बोगडान, जिन्होंने रूस और यूक्रेन दोनों के युद्धों का विरोध किया और जो समाजवादी दृष्टिकोण पर आधारित राजनीति करते रहे हैं, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए। ज़ेलेंस्की की यूक्रेनी सरकार द्वारा बोगडान की गिरफ़्तारी का विश्व स्तर पर श्रमिकों और युवाओं के बीच विरोध बढ़ रहा है।

बोगडान सायरोटुक को रिहा करो!

श्रीनिवासन, स्टूडेंट, डॉ. अम्बेडकर गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, चेन्नई

ज़ेलेंस्की सरकार ने हर इंसान के बुनियादी अधिकारों को कमज़ोर कर दिया है, जैसे कि आंदोलन की आज़ादी और 1948 में मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा में निहित मनमानी गिरफ्तारी के ख़िलाफ़ निषेध, जिसे यूक्रेनी सरकार ने अपनाया था। निष्पक्ष जन सुनवाई का समान अधिकार न देना भी लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।

जब तक पूंजीपति वर्ग नाम का एक वर्ग है तब तक आम लोगों को कोई निष्पक्ष बर्ताव नहीं हासिल होगा। अमीर वर्ग के लालच से छेड़े गए युद्ध से आम लोग ही प्रभावित होते हैं। इसलिए युद्ध विरोधी रुख़ अपनाने वाले बोगडान सायरोटुक को रिहा किया जाना चाहिए और यूक्रेन में युद्ध बंद होना चाहिए।

श्याम, असिस्टेंट मूवी डायरेक्टर, चेन्नई

श्याम

अभी, साम्राज्यवाद दुनिया को विखंडित कर रहा है। इसके ख़िलाफ़ खड़े होना दुनिया को बचाने के बराबर है। बोगडान ने ऐसा किया और इसलिए अब जो लोग साम्राज्यवाद-विरोधी हैं, उन्हें बोगडान के लिए आवाज़ उठानी चाहिए।

साम्राज्यवादी युद्ध को रोकने के लिए रूस और यूक्रेन के मजदूर वर्ग को एकजुट होना होगा। मैं इस संघर्ष में बोगडान के साथ खड़ा हूं।

बोगडान सायरोटुक को रिहा करो!

फ़लस्तीनी को आज़ादी दो!

कैलाश, कर्मचारी, महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन

भाई बोगडान को गिरफ़्तार करके और आजीवन कारावास की धमकी देकर यूक्रेन सरकार ने उन्हें युद्धबंदी बना लिया है और उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है। उन्हें प्रताड़ित किए जाने का ख़तरा है।

कैलाश

सरकार उनकी गिरफ़्तारी को उदाहरण के तौर पर पेश कर दूसरों के लोकतांत्रिक अधिकारों का भी उल्लंघन कर रही है। यूक्रेनी सरकार ने 25 साल के एक युवक को हिरासत में लेकर उसके साथ घोर अन्याय किया है।

मैं, भारत से कैलाश, यूक्रेनी सरकार से उसे तुरंत बोगडान को रिहा करने की मांग करता हूं। उसे न्याय मिलना चाहिए।

मैं अपने अनुभव से जानता हूं कि बोगडान की रिहाई की लड़ाई में श्रमिकों का हस्तक्षेप ज़रूरी है। 2022 में, भारत में महाराष्ट्र राज्य सरकार ने 90,000 से अधिक श्रमिकों की हड़ताल के दौरान एक एमएसआरटीसी कर्मचारी होने के नाते के मुझे प्रताड़ित किया था। मुझे और लगभग 11,000 अन्य कर्मचारियों की बर्ख़ास्तगी के आदेश जारी कर दिए गए।

सड़कों पर लगभग 150 दिनों के वर्ग संघर्ष के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने हमें न्याय दिया, जिसके कारण महाराष्ट्र राज्य सरकार को सार्वजनिक सड़क परिवहन कंपनी एमएसआरटीसी के कर्मचारियों की बर्ख़ास्तगी के आदेश को रद्द करना पड़ा था।

धनेश, रेनॉल्ट-निसान फ़ैक्ट्री वर्कर, चेन्नई

रूस के लिए काम करने के फर्ज़ी आरोपों में अमानवीय परिस्थितियों में बोगडान सायरोटुक को जेल में बंद किए जाने की हम कड़ी निंदा करते हैं। कॉमरेड बोगडान के ख़िलाफ़ यह झूठा मामला वापस लिया जाना चाहिए।

ईमानदारी और सच्चाई की बात करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता को आज झूठे आरोपों में जेल में डाल दिया गया है। इससे दुनिया भर के श्रमिकों में भारी आक्रोश पैदा हो रहा है। जैसा कॉमरेड बोगडान ने कहा था, युद्ध को केवल तभी रोका जा सकता है, और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा तभी हो सकती है जब दुनिया के मज़दूर एक हो जाएंगे।

बोगडान सायरोटुक को आज़ाद करो!

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