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राजनीतिक कामों के प्रसार के लिए एसईपी (श्रीलंका) ने पार्टी डेवलपमेंट फंड की शुरुआत की

यह हिंदी अनुवाद अंग्रेजी के मूल लेख का है, The SEP (Sri Lanka) launches party development fund to expand its political work जो मूलतः 22 अप्रैल 2024 को प्रकाशित हुआ था I

चौथे इंटरनेशनल की इंटरनेशनल कमेटी (आईसीएफ़आई) की श्रीलंकाई शाखा सोशलिस्ट इक्वैलिटी पार्टी (एसईपी) ने पार्टी के तात्कालिक राजनीतिक कामों को अमल में लाने के लिए 35 लाख रुपये (11,650 डॉलर) के पार्टी डेवलपमेंट फ़ंड को लांच करने का फैसला किया है।

एसईपी सदस्य ने कोलंबो हार्बर श्रमिकों से पीड़ित एल्टन एस्टेट श्रमिकों के लिए समर्थन जीता, 23 जून 2023.

अप्रैल-जुलाई 2022 में जनउभार के बाद से श्रीलंका में राजनीतिक घटक्राम तेज़ी से फोकस में आ रहा है। इस जनउभार में लाखों मज़दूरों ने हिस्सा लिया था और इसकी वजह से पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे सरकार का पतन हुआ और विक्रमसिंघे सरकार द्वारा सामाजिक हमले और बढ़ गए।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) के आदेश से चलाए जा रहे सार्वजनिक खर्च में कटौती (ऑस्टेरिटी) कार्यक्रम को बेरहमी से लागू करने को लेकर मज़दूरों, ग़रीबों और युवा लोगों के बीच गुस्सा बढ़ रहा है। ये कार्यक्रम राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और उनकी सरकार लागू कर रही है, जिसमें और भी गहरे सामाजिक हमले की योजना है।

पिछले हफ़्ते, सरकारी मालिकाने वाली कंपनियों (एसओई) के लिए सरकार की पुनर्गठन ईकाई ने ऐलान किया था कि वो इस साल के अगस्त तक एसओई से संबंधित सारे सौदों को पूरा कर लेना चाहती है। इन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में पांच लाख कर्मचारी हैं और इसमें से दसियों हज़ार लोगों की नौकरी चली जाएगी, मज़दूरी में कटौती होगी, काम का भार बढ़ेगा और बिजली-पानी के बढ़े दाम थोप दिए जाएंगे।

ट्रेड यूनियन नौकरशाही, छद्म वामपंथी फ्रंटलाइन सोशलिस्ट पार्टी (एफएसपी) की मदद से विपक्षी समागी जन बालावेगया (एसजेबी) और जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के साथ मिलीभगत कर जानबूझकर इन हमलों के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग के विरोध को खत्म करने पर तुली हुई है। और कोलंबो से बेकार की अपीलें करते हुए ध्यान भटका की कोशिश कर रही है जबकि दूसरी तरफ़ आगामी राष्ट्रपति और राष्ट्रीय चुनावों में सरकार बदलने का आह्वान कर रही है।

यह राजनीतिक एजेंडा फर्जी है। श्रीलंका की सभी विपक्षी पार्टियां आईएमएफ़ के आदेशों के प्रति पूरी तरह बिछी हुई हैं। विक्रमसिंघे सरकार की तरह ही, वे आईएमएफ़ की मांगों को पूरा करने के लिए मज़दूरों के प्रतिरोध को कुचलने और लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने की कोशिश करेंगे।

श्रीलंका की बदनाम पूंजीवादी राजनीतिक पार्टियां इस साल 18 सितम्बर से 18 अक्टूबर के बीच होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों को लेकर बहुत ही बदहवास हैं।

विक्रमसिंघे की जनता में बुरी तरह बदनाम यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) अवशेष मात्र बची है, जिसके राष्ट्रपति को चुनाव में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े होने पर मज़बूर होना पड़ा है। सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना के पास राष्ट्रपति का कोई उम्मीदवार नहीं है और अधिकांश सांसद पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं। यूएनपी से अलग हुआ गुट एसजेबी भी संकट में है और उसके कई सांसद विक्रमसिंघे का समर्थन कर सकते हैं। अपने खुद के राजनीतिक इतिहास को ढंकने छिपाने की कोशिश में लगी जेवीपी अपने उच्च मध्य वर्गीय नेशनल पीपुल्स पॉवर की आड़ में चुनाव लड़ रही है।

इस गहराते राजनीतिक संकट के जवाब में पिछले सप्ताह विक्रमसिंघे की सरकार ने राजनीतिक विरोधियों ख़ासकर खांटी समाजवादियों को भविष्य के सभी चुनावों से बहिष्कृत करने के लिए एक के बाद कई नियम लागू करने का फैसला किया था। इसके बाद ही, श्रीलंकाई मंत्रिमंडल ने पंजीकृत दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की ज़मानत राशि को अभूतपूर्व रूप से 52 गुना बढ़ाकर 26 लाख रुपये करने और स्वतंत्र उम्मीदवारों के लिए यह राशि 75,000 रुपये से बढ़ा कर 31 लाख रुपये करने का फैसला किया है। अन्य चुनावों की ज़मानत राशि को भी बढ़ाया गया है।

यह लोकतंत्र विरोधी फैसला मतदाताओं को सत्तातंत्र की राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों तक सीमित करने के लिए किया गया है- या यूं कहें, अमीरों द्वारा चुने और उनके पैसे से लड़ रहे उम्मीदवारों तक ही वोटरों को सीमित कर दिया गया और उन राजनीतिक विरोधियों और स्वतंत्र उम्मीदवारों को हाशिये पर डाल दिया गया जो सरकारी नीतियों के आलोचक हैं। इन सबसे ऊपर, यह असली सामाजवादी कार्यक्रम पर किसी भी तरह के बहस को ख़त्म करने के लिए किया गया और अब सिर्फ एक ही रास्ता बचा है कि मज़दूर, ग़रीब और नौजवान अपने सामाजिक और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले का करारा जवाब दे सकते हैं।

श्रीलंकाई एसईपी द्वारा 18 अप्रैल को जारी बयान में विस्तार से बताया गया है किः

“श्रीलंका में एसईपी ही केवल वो पार्टी है जो सामाजिक तबाही, ग़ैरबराबरी और युद्ध से लड़ने के लिए और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए समाजवादी नीतियों का अनुसरण करती है। मुनाफ़े के मौजूदा सिस्टम के खांचे में और आईएमएफ़ की खर्च कटौती नीतियों के बीच मज़दूरों और ग़रीबों के लिए कोई उपाय नहीं बचा है, जिसे लागू करने के लिए संसदीय विपक्ष और ट्रेड यूनियनें सभी प्रतिबद्ध हैं।“

कोरोना वायरस महामारी से पैदा हुआ और यूक्रेन में रूस के ख़िलाफ़ अमेरिका-नेटो युद्ध, ग़ज़ा पर साम्राज्यवादी शह पर छेड़े गए इसराइल के जनसंहारक युद्ध और ईरान के ख़िलाफ़ सैन्य उकसावेबाज़ी द्वारा और घनीभूत हुआ पूंजीवाद का वैश्विक संकट, मानव सभ्यता को विनाशकारी विश्व युद्ध की ओर धकेल रहा है। विक्रमसिंघे के लोकतंत्र विरोधी चुनावी नियमों और खर्च कटौती की निर्मम नीतियां, लोकतांत्रिक और सामाजिक अधिकारों पर वैश्विक हमले का हिस्सा हैं, जोकि अब हर देश में जारी है।

आसीएफ़आई की हमारी सहयोगी पार्टियों के साथ श्रीलंका में एसईपी ही एकमात्र संगठन है जो क्रांतिकारी समाजवादी और अंतरराष्ट्रीयतावादी नज़रिए का अनुसरण करते हुए, मज़दूर वर्ग में एकजुटता के लिए संघर्ष कर रहा है। इसमें पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में मज़दूर वर्ग और ग्रामीण आबादी को एकताबद्ध करना शामिल है।

इस परिप्रेक्ष्य के अनुसार, एसईपी, पार्टी में अधिक सदस्यों की भर्ती करने और सामाजिक समानता के लिए अंतर्राष्ट्रीय युवा और छात्र (आईवाईएसएसई) एकजुटता का निर्माण करने के लिए एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू कर रहा है। हमें वर्ल्ड सोशलिस्ट वेब साइट में अपने कवरेज को और विकसित करने और सिंहली और तमिल भाषाओं में मार्क्सवादी साहित्य के अपने प्रकाशन का विस्तार करने की भी आवश्यकता है।

अगर चुनाव घोषित होता है और जब भी होता है, तो हमारे समाजवादी नज़रिए को लोकप्रिय बनाने और क्रांतिकारी मार्क्सवादी-ट्रॉट्स्कीवादी पार्टी, सोशलिस्ट इक्वैलिटी पार्टी के निर्माण की तत्काल ज़रूरत पर कार्यकर्ताओं और युवाओं को शिक्षित करने के लिए एसईपी चुनाव लड़ेगी। हम मज़दूरों, छात्रों और बुद्धिजीवियों के गंभीर संस्तरों से इस प्रयास का समर्थन करने का आग्रह करते हैं।

एसईपी उन लोगों का आह्वान करती है जो लोग इस नज़रिए से सहमत हैं और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करते हैं कि वे हमारे 35 लाख रुपये के डेवलपमेंट फ़ंड में दिल खोलकर चंदा दें, जिसका लक्ष्य हम अगस्त के अंत तक पूरा करना चाहते हैं।

हमारे पार्टी खाते की जानकारीः

खाता संख्या: 1472834301

खाता धारक का नामः सोशलिस्ट इक्वैलिटी पार्टी

बैंकः कॉमर्शियल बैंक

ब्रांचः किरुलापोना

देशः श्रीलंका

हम सभी पाठकों से भी आग्रह करते हैं कि एसईपी प्रोग्राम पर चर्चा के लिए वे नीचे दिए गए नंबर पर फ़ोन या ह्वाट्सऐप करें।

टेलीफ़ोन/ह्वाट्सऐपः +94773562327

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